विश्व जनसंख्या दिवस 2024: बढ़ती हुई जनसंख्या के क्या-क्या नुकसान है थीम और लक्ष्य को जाने

विश्व जनसंख्या दिवस 2024

विश्व जनसंख्या दिवस 2024 नमस्कार अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। वास्तव में जनसंख्या के मुद्दों पर विचार विमर्श करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। बढ़ती हुई जनसंख्या का सामाजिक एवं पर्यावरण पर क्या क्या प्रभाव पड़ रहा है? इस संदर्भ में गहन विचार विमर्श किया जाता है।

Join Telegram groupclick here
Join WhatsApp groupclick here

विश्व जनसंख्या दिवस 2024

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विकास एवं प्रकृति पर अधिक जनसंख्या के प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना है। साथ ही जनसंख्या के मुद्दों पर जन जागरूकता को बढ़ाना है। परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, गरीबी, मात्र स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विचार विमर्श करना है। अब जानते हैं कि विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है और उसके साथ-साथ विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का इतिहास क्या है कब और कैसे इसकी शुरुआत हुई?

विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास

विश्व जनसंख्या दिवस का सुझाव विश्व बैंक के वरिष्ठ जनसंख्या विशेषज्ञ डॉक्टर के सी जकारिया ने वैश्विक जनसंख्या के 5 अरब तक पहुंचने पर दिया था। सर्वप्रथम 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के द्वारा यह दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। वर्ष 1990 में यह दिवस प्रथम बार मनाया गया।

14 जून विश्व रक्तदाता दिवस 2024 World Blood Donor Day 2024: Theme

विश्व जनसंख्या दिवस 2024 थीम

हर वर्ष इस दिवस की कुछ विशेष थीम होती है और उस थीम के तहत पूरे वर्ष भर कार्य किया जाता है। 11 जुलाई 2024 हेतु विश्व जनसंख्या दिवस की थीम स्वास्थ्य, विकास और पर्यावरण पर तीव्र जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।

international yoga day 21 june 2024

विश्व जनसंख्या दिवस 2024 लक्ष्य

वर्ष 2024 में यह लक्ष्य रखा गया है यदि विश्व की जनसंख्या तीव्र गति से यूं ही बढ़ती रही तो इसका दुष्प्रभाव स्वास्थ्य, विकास और पर्यावरण सभी क्षेत्रों पर होगा। बढ़ती हुई जनसंख्या को रोकने के लिए जनता को जागरूक करना बहुत जरूरी है। यदि बढ़ती हुई जनसख्या को रोका नहीं गया तो विकास के सभी क्षेत्रों पर इसका दुष्प्रभाव देखने को मिलेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य सभी क्षेत्रों में गिरावट आएगी। बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ जाएगा। पर्यावरण प्रदूषण अपने शिखर पर पहुंच जाएगा।

बढ़ती जनसंख्या के नुकसान

अब हम जानते हैं कि बढ़ती हुई जनसंख्या की क्या-क्या दुष्परिणाम है? बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, भूखमरी, अशिक्षा और पर्यावरण प्रदूषण जैसी अनेक समस्याएं जन्म ले रही है। जनसंख्या जितनी तीव्र गति से बढ़ती जाएगी समस्या उतनी ही तीव्र गति से अपना रूद्र रूप धारण कर लेगी। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण आज हम देख रहे हैं कि विश्व में करोड़ों युवा बेरोजगार घूम रहे हैं।

लाखों करोड़ों लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण आवास की समस्या जन्म ले रही है। जंगलों को काटकर कॉलोनी बनाई जा रही है। शहरीकरण और कॉलोनी बनने के कारण वन और जंगल कम होते जा रहे हैं। बढ़ती हुई जनसंख्या की आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अनुचित दोहन हो रहा है।

वाहनों का उपयोग अधिक से अधिक होने से वायु में जहर घुलता जा रहा है। हवा पानी मिट्टी सभी में जहर घुल गया है। जनसंख्या वृद्धि के कारण ही पर्यावरण प्रदूषण का ग्राफ कई गुना बढ़ गया है। पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। बढ़ती हुई जनसंख्या में ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है।

World Press Freedom Day 2024: जाने इसके इतिहास, महत्त्व और चुनौतियों को

बढ़ती जनसंख्या का नियंत्रण

बढ़ती हुई जनसंख्या पर कैसे नियंत्रण किया जाए आइए जानते हैं।
वे समस्त उपाय बढ़ती हुई जनसंख्या पर नियंत्रण करना अति आवश्यक है।
बढ़ती हुई जनसंख्या पर नियंत्रण करने हेतु सर्वप्रथम जन जागरूकता का होना अति आवश्यक है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम अपनाया जाए।
1952 में भारत में पहला परिवार नियोजन कार्यक्रम प्रारंभ किया।
जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन के महत्व के बारे में शिक्षा दी जाए।
बाल विवाह पर शक्ति से नियंत्रण लगाया जाए।
वर्ष 2000 में राष्ट्रीय जनसंख्या नीति घोषित की गई जिसमें 2050 तक स्थिर जनसंख्या स्तर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया।
महिलाओं की शिक्षा में वृद्धि की जाए।
उन्हें छोटे परिवार का महत्व समझाया जाए।
महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा में सुधार किया जाए।

जनसंख्या का महत्व

अब हम जानते हैं कि जनसंख्या का महत्व क्या है जनसंख्या किसी भी देश का मानव संसाधन है और जिस देश का मानव संसाधन स्वस्थ शिक्षित और रोजगार परक होता है वह देश उतनी ही तीव्रता से प्रगति करता है। जापान इसका उदाहरण वहीं जिस देश में जनसंख्या अधिक अशिक्षित अकुशल और जिनका स्वास्थ खराब होता है वह देश उतना ही विकास में पिछड़ जाता है।

वर्तमान में पूरे विश्व में चीन की आबादी सबसे अधिक है उसके बाद भारत का स्थान है। विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य तभी सार्थक होगा जब बढ़ती हुई जनसंख्या पर हम नियंत्रण करें इसके लिए जनता को जागरूक करना अति आवश्यक है। जनसंख्या को शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाना ही इस दिवस का उद्देश्य है और यह दिवस तभी सार्थक होगा जब हम जनसंख्या को नियंत्रित करें।

जनसंख्या जो हमारे मानव संसाधन है इस मानव संसाधन को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएं। बेहतर शिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराएं, पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराएं इनमें कौशल विकसित करें तभी कोई भी देश प्रगति कर सकता है। आज जापान, अमेरिका, रूस देश इसीलिए प्रगति कर रहे हैं क्योंकि वहां का मानव संसाधन बहुत कुशल है, शिक्षित है और स्वस्थ है। यदि हमें विकास के पथ पर आगे बढ़ना है तो जनसंख्या को नियंत्रित करना होगा और जनसंख्या को बेहतर सुख सुविधाएं और सेवाएं उपलब्ध करानी होगी।

इस आर्टिकल को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि बढ़ती हुई जनसंख्या के नुकसान के बारे में सभी को जागरुक कर सकें।

विश्व जनसंख्या दिवस 2024 FAQ

विश्व जनसंख्या दिवस 2024 की थीम क्या है?

11 जुलाई 2024 हेतु विश्व जनसंख्या दिवस की थीम स्वास्थ्य, विकास और पर्यावरण पर तीव्र जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।

विश्व जनसंख्या दिवस कब से मनाया जाता है?

सर्वप्रथम 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के द्वारा यह दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। वर्ष 1990 में यह दिवस प्रथम बार मनाया गया।

विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का प्रमुख लक्ष्य क्या है?

बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, भूखमरी, अशिक्षा और पर्यावरण प्रदूषण जैसी अनेक समस्याएं जन्म ले रही है। इन सभी समस्याओं का दूर करना है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top